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जब झूठी क़समें खानी थी, जब दूरी बहुत बढ़ाने थी तो

जब झूठी क़समें खानी थी, जब दूरी बहुत बढ़ाने थी
तो सच का सौदा क्यों करना, तो प्यार अनूठा क्यों करना
खुद को पाने में वक्त लगा, तुझको पाते तो मर जाते
मैं वक्त माँगता रहता था, तुम जान माँगते मर जाते

उसके आंसू रोया हूँ मैं, शायद तुम भी यूँ रो जाती
मैं तुझमें पागल हो जाता, क्या तुम भी पागल हो जाती
तुमने मुझको हरदम समझा, शायद मैं भी समझा होता
rajeshgupta9385

Rajesh gupta

New Creator

जब झूठी क़समें खानी थी, जब दूरी बहुत बढ़ाने थी तो सच का सौदा क्यों करना, तो प्यार अनूठा क्यों करना खुद को पाने में वक्त लगा, तुझको पाते तो मर जाते मैं वक्त माँगता रहता था, तुम जान माँगते मर जाते उसके आंसू रोया हूँ मैं, शायद तुम भी यूँ रो जाती मैं तुझमें पागल हो जाता, क्या तुम भी पागल हो जाती तुमने मुझको हरदम समझा, शायद मैं भी समझा होता #शायरी #nojotovideo

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