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तुम्हें खुद की नहीं, दूसरों की फिक्र क्यों है। जो

तुम्हें खुद की नहीं,
दूसरों की फिक्र क्यों है।
जो तुमसे बहुत दूर हैं, 
तुम्हें उन्ही की फिक्र क्यों है। 
जो पास होकर भी साथ नहीं, 
उसी की आदत क्यों है। 
जिसका साथ लकीरों में नहीं।
 #फिक्र #क्योंहै
तुम्हें खुद की नहीं,
दूसरों की फिक्र क्यों है।
जो तुमसे बहुत दूर हैं, 
तुम्हें उन्ही की फिक्र क्यों है। 
जो पास होकर भी साथ नहीं, 
उसी की आदत क्यों है। 
जिसका साथ लकीरों में नहीं।
 #फिक्र #क्योंहै