सहारा तिनके का भी मिल जाय अगर तो वह कम नहीं होता. उसी क़े सहारे नये ख्वाब बुन लिए जाते हैँ. भविष्य क़े नए रोडमैप भी तैयार हो जाते हैँ. एक तिनके क़े सौजन्य से विस्मृत हो चुका छंद नये परिवेश मे आकर एक कविता. को समृदता दे सकता है l जिस हवा ने उस तिनके को उड़ा क़र मुझ तक पहुंचाया था उस हवा ने सुखद सिंहरन का कौतुक भी दिखाया है मुझे और मेरे जीवन मे अनुग्रह अहोभाव का सुखद अहसास भी दिया है मुझे ©Parasram Arora #तिनके का सहारा