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बारिश जो तेरे संग बिताय, हर लमहो को मेहसुस कराती ह

बारिश जो तेरे संग बिताय,
हर लमहो को मेहसुस कराती है।
बरसते हर उस बुंद मे,
कूच अलग ही नशा है।
क्योकी आज भी तेरे,
माथे से छलक ,
कंधे तक आने वाले,
बुंद की चाहत,
हमे आज भी सताती है।
बारिश जो तेरे संग बिताय,
हर लमहो को मेहसुस कराती है।
क्या अदा है,
उस छलकते बुंद की।
उसें जो भी ले अपना,
बडी सिद्धत से समा जाता है।
शायद मोहबत की भी,
वही अदा है जो,
एक बार किसींको अपना लेणे पर,
फिर कही गुस्ताखी,
कर ना पाती है।
बारिश जो तेरे संग बिताय,
हर लमहो को मेहसुस कराती है।


 #NojotoQuote
बारिश जो तेरे संग बिताय,
हर लमहो को मेहसुस कराती है।
बरसते हर उस बुंद मे,
कूच अलग ही नशा है।
क्योकी आज भी तेरे,
माथे से छलक ,
कंधे तक आने वाले,
बुंद की चाहत,
हमे आज भी सताती है।
बारिश जो तेरे संग बिताय,
हर लमहो को मेहसुस कराती है।
क्या अदा है,
उस छलकते बुंद की।
उसें जो भी ले अपना,
बडी सिद्धत से समा जाता है।
शायद मोहबत की भी,
वही अदा है जो,
एक बार किसींको अपना लेणे पर,
फिर कही गुस्ताखी,
कर ना पाती है।
बारिश जो तेरे संग बिताय,
हर लमहो को मेहसुस कराती है।


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