जिस्मों पर मरनेवाले रूह-ए-इशक की मिसाल देते हैं, एक उम्र साथ दे नहीं पाते और जन्मों जन्म के वादे करते हैं, गजब आशिक हैं आज के कि जिन लम्हों में वो यार-ए-बेपर्दा हुई, ये उन लम्हों को भी लोगों में नीलाम करते हैं। ये लिहाज-ए-मोहब्बत कि उम्मीद इनसे क्या रखना? यह तो इश्क में मतलब निकल जाने के बाद, अपने ही प्यार कि इज्जत तक नहीं करते हैं। lihaaz-e-mohabbat #hindishayari #quotes #shayari #mohabbat #lihaaz