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अशांत समुन्द्र और अशांत मन है, ना जाने मन में कौन

अशांत समुन्द्र और अशांत मन है,
ना जाने मन में कौन सी उलझन है,
मन कहता है कोई नहीं खतरे की बात,
लोग कहते है एक दूसरे से खतरा है,
क्यों दुनियां पेचीदा बातें दोहराने लगी है,
खुद से भी परायेपन की बू आने लगी है

©Harvinder Ahuja #गहरीबातें
अशांत समुन्द्र और अशांत मन है,
ना जाने मन में कौन सी उलझन है,
मन कहता है कोई नहीं खतरे की बात,
लोग कहते है एक दूसरे से खतरा है,
क्यों दुनियां पेचीदा बातें दोहराने लगी है,
खुद से भी परायेपन की बू आने लगी है

©Harvinder Ahuja #गहरीबातें