राहें कौन कहता है सब कुछ बदल गया चालीस बसंत बीत गए वो राहे आज भी वही कि वहीं हैं। धूमने के बाद सारी दुनिया बचपन की यादों की फिजाएं आज भी वही हैं।। राहें