पहली मुलाकात हमारी मायूस ज़िंदगी में आई इक बहार जब दाख़िल हुए वो ज़िंदगी में मेरी मिल गया इक हमदर्द हमें उनसे करने लगे हम हज़ारों बातें अपने दिल की हर रोज़ करने लगे, हम उनसे बात करने का इंतज़ार उनकी दीवानगी हम पर, होने लगी थी सवार हम दोनों ही, इक दूजे से मिलने को तरसने लगे पर थे हम बहुत दूर इक दूजे से, ज़हर जुदाई का हर लम्हा हम पीने लगे (अनुशीर्षक में पढ़ें) ©Poonam Suyal पहली मुलाकात हमारी मायूस ज़िंदगी में आई इक बहार जब दाख़िल हुए वो ज़िंदगी में मेरी मिल गया इक हमदर्द हमें उनसे करने लगे हम हज़ारों बातें अपने दिल की हर रोज़ करने लगे,