White अपने बदन पे घाव बनाया करता था, हर दर्द को मैं सीने से लगाया करता था। लोग समझते थे मुझे पत्थर दिल शायद, पर हर चोट को हंस के छुपाया करता था। अब तो आदत सी हो गई है इस तन्हाई की, खुद ही खुद को हर रोज़ आज़माया करता था। इक उम्मीद थी कि कोई समझेगा ये अफसाना, मैं अपने ही ज़ख्मों को ग़ज़ल में सजाया करता था ©UNCLE彡RAVAN #Moon