Nojoto: Largest Storytelling Platform

चाहत पूरी ना कर पाना, मजबूरी में साथ निभाना, जीव

चाहत पूरी ना कर पाना,
मजबूरी में साथ निभाना, 

जीवन से समझौता करके,
पड़ता है कितना पछताना,

अंदर घुटन भरा हो मन में,
पर शब्दों से ना कह पाना,

चंद दिनों  की यारी जग में,
कुछ पल का है ताना-बाना,

किया इकट्ठा जो धन-दौलत, 
यहीं  छोड़कर  पड़ता  जाना,

दुनिया एक मुसाफ़िर खाना, 
लगा   रहेगा   आना-जाना, 

करले   नेक  कमाई  'गुंजन',
साथ चले जो आब-ओ-दाना,
 --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
    चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra #मज़बूरी में साथ निभाना#
चाहत पूरी ना कर पाना,
मजबूरी में साथ निभाना, 

जीवन से समझौता करके,
पड़ता है कितना पछताना,

अंदर घुटन भरा हो मन में,
पर शब्दों से ना कह पाना,

चंद दिनों  की यारी जग में,
कुछ पल का है ताना-बाना,

किया इकट्ठा जो धन-दौलत, 
यहीं  छोड़कर  पड़ता  जाना,

दुनिया एक मुसाफ़िर खाना, 
लगा   रहेगा   आना-जाना, 

करले   नेक  कमाई  'गुंजन',
साथ चले जो आब-ओ-दाना,
 --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
    चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra #मज़बूरी में साथ निभाना#

#मज़बूरी में साथ निभाना# #कविता