Newspaper मोबाइल इंटरनेट के जमाने में भी छपते हैं अखबार बड़े पैमाने में फर्क सिर्फ इतना ही आया है साधारण सी खबर का भी सनसनीखेज जबरदस्त शीर्षक लगाया है आधी बातें तो तोड़ मरोड़ कर छापी जाती है नाराज़ ना हो जाए सूरमा कोई यह बात भी जांची जाती है शास्त्री और बोस रत्न देश के रहस्यों में ना दबे रह जाते अखबार अगर ईमानदारी से सच्ची सही खबर छापते सच लगता है छपने से पहले ही बिक जाते हैं अखबार आजादी से झूठ के पुलिंदे बन जाते हैं बबली गुर्जर ©Babli Gurjar #IndianNewspaperDay