आंसमा कि परी , या रात का चाँद हो तुम। लोग दे जाते है, खुबसुरती कि जो मिसाले, शायद वही एक मिसाल हो तुम। शर्माना तो यु , कि शर्म भी शर्मा जाए। तुम्हे देख हर कोई मुस्कुराता, शायद हर एक कि मुस्कान हो तुम। आंसमा कि परी , या रात का चाँद हो तुम।