क्या करूँ अब इन ख्वाबो के अफसानों का!! बड़ी मुश्किल से कत्ले आम करता हूँ इन अरमानो का!!!! दर्द -ऐ-दिल के म्यान में अब जरूरत नही किसी तलवार का!! अब तो बस इस बेदर्दी ज़िन्दगी को इंतेज़ार है उनके सवारने का!!! #इंतेज़ार