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गिले शिकवे भले ही हो पर बैठकर कुछ बात तो हो, मिलन

गिले शिकवे भले ही हो पर बैठकर कुछ बात तो हो, 
मिलने से भी रस मिलता है गाहे-बगाहे कभी मुलाकात तो हो,
कल के ख़यालात में यूँ खपे जा रही जिंदगी उस पर भी बात हो,
पूरे तुम नहीं पूरा मैं भी नहीं अधूरे ही सही पर जज्बात तो हो, 
जन्मभूमि माँ का आँचल गांव फिर शहर फिर वापस गांव, 
तुम्हें भी याद आता होगा मुझे भी याद आता है ,
छुट चुका जो पीछे वो बचपन वो जवानी की कहानी,
यादों की है बस इतनी सी कहानी कुछ छुई अनछुए बातें,
जिंदगी थोड़ा सा ही सही पर जवाब लेती भी है देती भी है, 
अपनी शर्तों पर जिंदगी जीना कोई आसान काम नहीं है,
बस कुछ सवाल और उनके बस कुछ जवाब कुछ निरुत्तर,
कुछ पूरे उत्तर जिंदगी में सभी को नहीं मिलते न मालूम होते,
कुछ भी हो लेकिन किसी से किसी भी तरह का मलाल न हो,
बस ख्वाब हो कुछ गर दिल में तो जिंदगी जीने का मजा देती है।
परसुकून एहसासों में सुकून ढूंढता यह दिल बस तुम्हें चाहता है।

©AwadheshPSRathore_7773
  #BehtiHawaa "पर सुकून एहसासों में सुकून ढूंढता यह दिल बस तुम्हें पुकारता है"......सादर वंदे अभिनंदन वंदन सभी nojotos viewers को बाकी ठीक.........जय हिंद नमो नमो 👍🙏💕🙏

#BehtiHawaa "पर सुकून एहसासों में सुकून ढूंढता यह दिल बस तुम्हें पुकारता है"......सादर वंदे अभिनंदन वंदन सभी nojotos viewers को बाकी ठीक.........जय हिंद नमो नमो 👍🙏💕🙏 #कविता

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