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मैं चलता गया रास्ते मिलते गए रास्ते के कांटे फूल

मैं चलता गया रास्ते मिलते गए

रास्ते के कांटे फूल बनकर खिलते गए,

यह आशीर्वाद है भोलेनाथ का वरना

उसी राह पर लाखो फिसलते गए.

©Dinesh singh Dk
  bhakt hu mahakal ka

bhakt hu mahakal ka #शायरी

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