यह मन गिरगिट सा,😒 रंग बदलता रहता है, कभी चाहिए खाना, कभी है गीत गुनगुनाना, कभी है सोने का बहाना, कभी है नाचना गाना, कहता है फिर भी देखो, हमको फुर्सत ही नहीं है ना, पेपर है सर पे, मां-बाप है घर पे, याद करके घर अपना, आंसू आंखों से झलके, सुरज की खिल जाती लाली, 10 बजे तक सो रही आज गांव वाली😓 दिन मे न सोने वाली, दिन को ही रात कर रही है, रातों में पड़ना अच्छा लगता, और रात भी बर्बाद कर रही है, सपने भी आते खाने के, लिख कर ही, खुद को संतुष्ट कर रही है 😒 यह मन गिरगिट सा, पढ़ाई करने नहीं देता, कभी मोबाइल, कभी कविताएं, छेड़ रहा हृदय की भावनाएं, मन को मजबूत करके, एक राह चला न पा रही है।😢 ©Aarti Choudhary #Stress #Tention #Life_A_Blank_Page #Poetry #feelings