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नारी और उसका मर्म नहीं जानता कोय यत्र तत्र नारी दु

नारी और उसका मर्म
नहीं जानता कोय
यत्र तत्र नारी दुर्दशा
की घटनायें होती रहती हैं
पर वो चुप रह जाती हैं
पता है क्यूँ?
क्योंकि उन्हें पता है
सिस्टम  उनके साथ
कभी खड़ा नहीं होगा
उनके साथ दुर्ब्यवहार
का दोष उन्हीं पर
किसी ना किसी तरीके से 
चिपका दिया जायेगा
तरह तरह की कहानियां
गढ़ दी जायेंगी
क्योंकि लाख पूजा करने
और सम्मान देने की
नौटंकी समाज  करे
औरत को वह हमेशा 
बेचारी और कमजोर ही समझता है
औरत चाहे जो मुकाम
हासिल कर ले
समाज उसको कमजोर
औरत ही समझता है
समाज में पूरा तंत्र शामिल है
जिसको औरत की बेबसी
और क्रंदन सुनाई नहीं देती
कोई महिला जब अपने साथ हुये
अत्याचार के खिलाफ बोलती है
तो मर्द और उसका तंत्र
उस पर टूट पड़ता है
अन्त में औरत टूट जाती है
अपने को मर्दवादी 
भीड़ में अकेली पाती है
मर्द और उसका तंत्र
अठ्ठहास करता
और ताल ठोंकता हुआ मिलता है
औरत अपने अपमान के आंसू
पीकर देवी बनी रह जाती है
मर्द का अठ्ठहास जारी रहता है
हर बार यही कहानी 
दुहराई जाती है
क्योंकि समाज और तंत्र की सोच
 सिर्फ और सिर्फ मर्दवादी है
नजरिये में बदलाव की
सख्त जरूरत है|
V.s. Dixit

©vs dixit
  #मर्दवादीसमाज