प्रेमिकाओं से.., दृष्टि मिले तो; तो दृश्य अच्छे लगते है, नाटक मिले तो; अभिनय अच्छे लगते है, झपकी मिले तो; भविष्य अच्छे लगते है, नींद मिले तो; सपने अच्छे लगते है! प्रेमिकाओं से.., हाल मिले तो; बेहाल अच्छे लगते है, बात मिले तो; सार अच्छे लगते है, स्वर मिले तो; गाने अच्छे लगते है, इशारे मिले तो; तराने अच्छे लगते है! पर आजकल.., प्रेमिकाओं से.., खटाखट, खचाखच, मांग मिले तो, प्रेमी अकेले अच्छे लगते है! डॉ आनंद दाधीच 'दधीचि' ©Anand Dadhich #premika #kavita #kaviananddadhich #poetananddadhich #Love