जब गुस्सा करती हूं उस पर लगता है जैसे सब कुछ रूठ गया हो मुझसे कुछ समझ नही आता कि कैसे बात करू उससे दिल मे कही ख्याल घूमता है फिर एक कोने मे बैठ कर अकेले ही बात करती हूं खुद से पता नही हर बार क्यो उसे इतनी तकलीफ पहुँचाती हूं अनजाने मे ही उसका इतना दिल दुखाती हूं और वो कभी न कुछ कहता है न कुछ बोलता है पता नही इतना क्यो सहता है चाहती हूं थोङा ही सही पर उसकी तरह बन पाऊ उसकी तकलीफो की नही मुस्कुराने की वजह बन पाऊ। । ©Shubha #AngerInMe