White गाँठ बांधी अशर्फियां तिज़ोरी में रखे हुए से, बग़ैर किसी सफ़र के लगते हैं थके हुए से। तेरे वादे की उम्मीद पर देखते हैं तुम को ऐसे, जैसे किसी मुंह को ताकते हों बच्चे ठगे हुए से। ©एस पी "हुड्डन" #बच्चे_ठगे_हुए