सुनो न,,,,,,,,, थाम लो हाथ मेरा रास्ते बहुत कठिन है हर तरह के लोग हैं थोड़ा चलना आसान हो जाये तुम्हारे कंधों का सहारा अगर मिल जाये तो ज़िंदगी मेरी थोड़ी संभल जाये नज़रे बहुत पैनी हैं,लोग भर भर के देखते हैं अपनी बाहों में छुपा लो मुझे,ये डर खत्म हो जाये थाम लो हाथ मेरा ,पकड़े रहना बाहें मेरी मैं नासमझ हूँ,मेरी नासमझी में तेरी समझ काम आ जाये ©Richa Dhar #ballet थाम लो हाथ मेरा