बस ऐसे ही उमड़ रहे हैं ये बेकाबू जज़्बात, नींद भी कमबख़्त दगा दे गई छोड़कर चली गई है दो आंखों का साथ, क्या बताऊँ कितना मुश्किलों भरा हैं हालात आराम से सो जाती है दुनिया और यूँ परेशानियों में गुजरती है अपनी रात, बस ऐसे ही उमड़ रहे हैं ये बेकाबू जज़्बात, लगता है पक्का अब तो हमारे दिल में घर कर गई है रात!! आधी रात में जगा हूँ उल्लू के भांति मालूम नहीं हमको क्यों - भला नींद ही नहीं है आती? 😩😩🙄🙄😢😢😢😒😒😒😒 जागने वाले जानते हैं कि रात कैसे घर कर जाती है दिल में