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राह में हो लाखों ही दुशवारियां, रुकने नहीं देती ज

राह में हो लाखों ही दुशवारियां,
 रुकने नहीं देती जिम्मेदारियां!
        टूट के मैं लाख बार जुड़ गया,
       हैं कबूल गम से रिश्तेदारियां!
✍️ जतिंदर जीत

©jeet musical world
  kabool

kabool #विचार

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