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इक माँ अज़ीज़ है आलम-ए-तमाम में रब उसकी सलामती

इक  माँ अज़ीज़  है आलम-ए-तमाम में रब 
उसकी  सलामती  हो हर इक सलाम में रब

उस  दिल  की  आरज़ू है वो तेरे दर पे आए
मैं  उसको ले के जाऊँ बैत-उल-हराम में रब

मैं  उसको  देखता  हूँ बादल में कहकशां में 
उसकी झलक मिले है माह-ए-तमाम में रब 

ख़ाहिश  कभी  नहीं  की ज़ाहिर यकीं करोगे 
वो   ख़ुश   रही   सदा ही मेरे इंतज़ाम में रब 

मुझसे सवाल पूछा किसका मक़ाम अफ़ज़ल
मैं   झूठ   बोल  आया  तेरा  मक़ाम  या  रब 

रस्ता  है  जन्नतों  का  उसके  कदम  के नीचे
'सैफ़ी'  वहीं  से  आए दार-उस-सलाम में रब अज़ीज़ -  प्यारा 
आलम-ए-तमाम. - सारी दुनिया 
बैत-उल-हराम. - मक्का 
माह-ए-तमाम. - पूरा चाँद 
अफज़ल - ऊंचा, ऊपर 
दार-उस-सलाम - एक जन्नत का नाम

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इक  माँ अज़ीज़  है आलम-ए-तमाम में रब 
उसकी  सलामती  हो हर इक सलाम में रब

उस  दिल  की  आरज़ू है वो तेरे दर पे आए
मैं  उसको ले के जाऊँ बैत-उल-हराम में रब

मैं  उसको  देखता  हूँ बादल में कहकशां में 
उसकी झलक मिले है माह-ए-तमाम में रब 

ख़ाहिश  कभी  नहीं  की ज़ाहिर यकीं करोगे 
वो   ख़ुश   रही   सदा ही मेरे इंतज़ाम में रब 

मुझसे सवाल पूछा किसका मक़ाम अफ़ज़ल
मैं   झूठ   बोल  आया  तेरा  मक़ाम  या  रब 

रस्ता  है  जन्नतों  का  उसके  कदम  के नीचे
'सैफ़ी'  वहीं  से  आए दार-उस-सलाम में रब अज़ीज़ -  प्यारा 
आलम-ए-तमाम. - सारी दुनिया 
बैत-उल-हराम. - मक्का 
माह-ए-तमाम. - पूरा चाँद 
अफज़ल - ऊंचा, ऊपर 
दार-उस-सलाम - एक जन्नत का नाम

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abeersaifi2279

Abeer Saifi

New Creator

अज़ीज़ - प्यारा आलम-ए-तमाम. - सारी दुनिया बैत-उल-हराम. - मक्का माह-ए-तमाम. - पूरा चाँद अफज़ल - ऊंचा, ऊपर दार-उस-सलाम - एक जन्नत का नाम ❤️