White कहे देती हूँ कि अब नहीं होगा हमसे ये मिलना-मिलाना क्या सही होगा हमसे? करते हैं ख़त्म इंतज़ार दोनों की तरफ़ से, अभी नादान हैं हम, समझ! क्या होगा हमसे? तू राह का पत्थर है और मैं इक फूल हूँ तू ही बता, क्या होगा, क्या... नहीं होगा हमसे? अच्छा, चलो छोड़ो, छेड़ो तो नहीं ना माना, कह देती हूँ कि इश्क़ नहीं होगा हमसे। हुआ तो है तुम से और तुमसे ही रहेगा ये कल्ब-ए-जहां मेरा हुआ तेरा पिया जबसे। यकज़ा तन्हाई और ये लम्हे हैं क़ुर्बत के बात छोड़ी है ज़फ़ा की "अना" तेरी करे जबसे। ©Ana #love_shayari Mr Batar गुमनाम Dilyejazbaat शायरी हिंदी में शायरी लव लव शायरी