Nojoto: Largest Storytelling Platform

White ज़ुल्फ़ बन कर बिखर गया मौसम, धूप को छांव कर गय

White ज़ुल्फ़ बन कर बिखर गया मौसम,
धूप को छांव कर गया मौसम..

मैंने पूछी थी ख़ैरियत तेरी,
मुस्करा कर गुज़र गया मौसम..

फिर वो चेहरा नज़र नहीं आया,
फिर नज़र से उतर गया मौसम..

तितलियाँ बन के उड़ गयीं रातें,
नींद को ख़्वाब कर गया मौसम..

फूल ही फूल थे निगाहों में,
दाग ही दाग भर गया मौसम...

तुम ना थे तो मुझे पता न चला,
किधर आया , किधर गया मौसम...

आप के आने की ख़बर सुन कर,
जाते जाते ठहर गया मौसम...

                                               💓🌷💭लफ्ज़ ए समीर

©sameer Kumar
  #sameer
sameerkumar9084

sameer Kumar

New Creator
streak icon2

#Sameer #Poetry

135 Views