तुम्हारे जाने के बाद ये जानेजा, फिर न कभी ये मौसम सुहाना हुआ ना ये दिल किसी का दीवाना हुआ। ना फिर बारिश का फसाना हुआ ना किसी झुमके का शर्ट में फसना हुआ, ना फिर कभी किसी और को देखने का बहना हुआ।। ना किसी की पायलों का तराना हुआ, ना मेरे दिल का किसी सूरत की रिझाना हुआ। ना फिर रात को किसी की बातों पर हस्ना हुआ ना किसी के साथ दो कदम चलने का इरादा हुआ ना फिर किसी इशारे से जाना हुआ।। तुम्हारे जाने के बाद ये जानेजा फिर न कभी ये मौसम सुहाना हुआ ना ये दिल किसी का दीवाना हुआ। #जानेजा