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White तुम को कैसे जाने दूं? बोलो? क्या रक्त को बह

White तुम को कैसे जाने दूं? बोलो?
क्या रक्त को बह जाने देते हैं? 
क्या स्वास को त्याग सकते हैं?
फिर कैसे मैं प्रेम त्याग दूं? बोलो?

जिस शुद्ध इक्षा से मेरा संसार बना है।
एक कुटुंब का स्वप्न, विन्यास बना है 
सत्य और प्रकाश का आवास बना है।
हृदय मे हर्ष का विश्वास बना है।
छोड़ दूं? कैसे? बोलो ?

ईश्वर के अस्तित्व पे प्रश्न किया था।
स्वयं के मैं से एक युद्ध किया था।
एक रिक्त पद को विशिष्ट किया था।
हृदय में तुमको प्रविष्ट किया था।
कहा जाऊं? क्या करूं? बोलो?

 मेरा स्थान तेरे समीप ही है।
मेरा हृदय तेरे बिन भयभीत ही है।
विरह वेदना का प्रतीक ही है।
प्रति पल बढ़ती हुई स्वयं से खीज ही है 
स्वयं का उद्धार को तुमको स्मरण करूं, बोलो? 
कैसे ये नैया पार करूं? बोलो?

©mautila registan(Naveen Pandey)
  #बोलो