एक रोज ख्वाबों से निकल कर देखेंगे खुद को बदल कर फूलों से चोट खाई बहुत है अब देखना है कांटों पर चल कर लोग कहते है मोहब्बत का मारा हूं मुझे देखना है उस आग में जल कर जमाने के गम 'ओजस' छू ना सके तुझे जीना है अंगारों में पल कर ©ओजस" #smoke Zakir Ul Hussain Golden Navbharat Pooja Udeshi ARVIND YADAV 1717 Zakir Ul Hussain