इश्क़ की ख्वाहिशो को लफ्ज़ गर दिए होते तो मेरे पास भी कुछ ख़ास काफिये होते मैं तेरे नाम को लिखने की कोशिशें करता जो इस किताब के पन्नों पे हाशिये होते नए सवालों को इज़ाद करती हो तुम ही तुम्हें जवाब भी हरबार चाहिए होते वो आईनों में छिपे 'मैं' ने 'मुझ' से ही पूछा क्या होता गर दोनों साथ ना जिये होते तो तेरे सामने मैं दर्द अपना कह देता जो साकी होश में ना तुम तो पिये होते #arcsrikiaa #love #mohabbat #ishq #first_poem