ना तो तुमसे कोई चाहत है, और है ना तुम्हें पाने का कोई जज्बा। फिर भी इस दिल को तुम्हारी चाहत है, और तुम्हारा मुझ पर कब्ज़ा।। खुदा जाने कि तुममें क्या खास क्या आम है। तुम्हारी मोहब्बत में हर शरीफ भी बदनाम है।। ---Mohit Singhaniya ##तेरी चाहत