ज़रूरी है कविता (माँ का डर ) बस पे जा रहा था आज चढ़ी उसपे एक माँ अपनी दो बेटियो के साथ, पूर्व आरक्षित सीट पर बैठे सभी , पति और बेटा भी साथ थे तभी, बस वालो ने चंद पैसे के लिए बीच रस्ते पे यात्री को लेटा दिये, माँ तो माँ होती है डर हुआ उनको, ज़माने मे चलती, बढ़ती किस्सों का एकाएक मन मे समुन्दर सा लहर दौड़ रहा था, दो बेटी थी पिछे बैठी, आँखे हर बार उनके तरफ मुड़ रहा था, बस वाले भी उसी के इर्द गिर्द यात्रि छोर रहा था, चिंतित मन से भरी माँ ने, कंडक्टर को आवाज़ लगाई, ऐसे लोगो को बैठाना कौन सा नियम है भाई, क्रोधित मन से गुहार लगाई, पिता संग सन्तान मौन थे खुद, और उनको भी रहने को कह रहे थे वो तो माँ है साहेब कहा शान्त रहने वाली थी, उस समय वही रूप से दुर्गा, उनके दिमाग मे काली थी ©Sajan Thakur ❤माँ ❤ #pyaarimaa #sajanthakur #Love #Nojoto #writer #Heart #Dil #poem #wordporn #na