Nojoto: Largest Storytelling Platform

वो हसीन तरीन, वो बेशुमार ख़ूबसूरत मुखड़ा। वो पुरा

वो हसीन तरीन, वो बेशुमार ख़ूबसूरत मुखड़ा।
वो पुरा चाँद था, चाँद था उसके अक्स का टुकड़ा ।।

चाँदनी रात में, जब मैं उससे छत पर गुफ़्तगू करता ।
चाँद शरमा के बदलों मे, छुपा लेता अपना मुखड़ा ।।
वो हसीन तरीन, वो बेशुमार ख़ूबसूरत मुखड़ा।
वो पुरा चाँद था, चाँद था उसके अक्स का टुकड़ा ।।

चाँदनी रात में, जब मैं उससे छत पर गुफ़्तगू करता ।
चाँद शरमा के बदलों मे, छुपा लेता अपना मुखड़ा ।।