तुम बिन मैं गुमनाम सा बस एक पहचान तुम हो तुम बिन मैं निर्जीव सा मैं मुझ में बसी जान तुम हो किसी और की चाह नही मेरी बस अरमान तुम हो जिसमे लगा और टूटा नही मेरा वो ध्यान तुम हो जिसे देख मैं इतराता हूँ मेरी को हर शान तुम हो जो आ कर कभी न गया दिल का मेहमान तुम हो #collab with नाकाम जी #ग़ज़ल ज़िंदगी का गान तुम हो धुन तुम्हीं हो तान तुम हो देर से समझे मुहब्बत हाँ ज़रा नादान तुम हो