उनके शब्दों में ना जाने कैसी अजब चेतना थी भरी हुई पड़ जाती थी छाप ह्रदय मे जब हम सुनते थे कविता नई सत्ता के उन गलियारों मे अब इक सन्नाटा है भरा हुआ सबकी आंखो का था तारा जो किसी और जहां मे चला गया राजनीति के भव-सागर का इक अटल सितारा टूट गया इक प्रबल प्रणेता का साया हम सबके सर से छूट गया #अटलविहारीवाजपेयी #अटल_युग_का_अंत #राजनीतिज्ञ #yqbaba #yqdidi #श्रद्धांजलिअटलजी_को #श्रद्धांजलि