समुद्र की एक बूंद से क्या तुलना,, हकीकत की सपनों से क्या । उम्र की एक अवस्था से क्या तुलना,, खुशियों की गमों से क्या ।। वर्षों की क्षण से क्या तुलना ,, सपनों की अपनों से क्या ।। सामाजिकता से एकाकी की क्या तुलना,, अधिकारों की एहसानों से क्या ।। अपना होने और अपना बनाने की क्या तुलना,, सब होने और कुछ जताने से क्या ।। 🌺🍁🌺🍁🌺 ©SEEMA SINGH Tulna