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ढलते शाम के अँधेरों में तुम्हें लिखने की आज़ादी, क

ढलते शाम के अँधेरों में तुम्हें लिखने की आज़ादी,
कि, जैसे परबत से निर निर्झर बहने की आज़ादी!

__प्रेम__निराला__ ढलते शाम के अँधेरों में तुम्हें लिखने की आज़ादी,
कि, जैसे परबत से निर निर्झर बहने की आज़ादी!

__प्रेम__निराला__
ढलते शाम के अँधेरों में तुम्हें लिखने की आज़ादी,
कि, जैसे परबत से निर निर्झर बहने की आज़ादी!

__प्रेम__निराला__ ढलते शाम के अँधेरों में तुम्हें लिखने की आज़ादी,
कि, जैसे परबत से निर निर्झर बहने की आज़ादी!

__प्रेम__निराला__
premnirala8243

Prem Nirala

New Creator

ढलते शाम के अँधेरों में तुम्हें लिखने की आज़ादी, कि, जैसे परबत से निर निर्झर बहने की आज़ादी! __प्रेम__निराला__