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# "हे प्रभु! पीर हरो इस सारे संसा | English Poetry

"हे प्रभु! पीर हरो इस सारे संसार की,
शीश हमारे है धरी पाप की गठरी भार की।

रोम-रोम में तू ही बसा पर कभी कोशिश न की मिलान की,
पूरी उम्र चिंता रही हमें बस माया के ही ध्यान की।

हाथ मिलाए पर दिल न मिलाए कैसे भरपाई हो ऐसे नुकसान की,
मंदिर और मस्जिद में फँसकर मुश्किल ही रही इंसान की।

"हे प्रभु! पीर हरो इस सारे संसार की, शीश हमारे है धरी पाप की गठरी भार की। रोम-रोम में तू ही बसा पर कभी कोशिश न की मिलान की, पूरी उम्र चिंता रही हमें बस माया के ही ध्यान की। हाथ मिलाए पर दिल न मिलाए कैसे भरपाई हो ऐसे नुकसान की, मंदिर और मस्जिद में फँसकर मुश्किल ही रही इंसान की। #Poetry #jaishreekrishna #Radheradhe #jaishreeradhekrishna #AnjaliSinghal

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