वक़्त की बात,बात,बात रही। तू मेरे साथ,साथ,साथ रही। मैंने जुगनू रखे,चिराग तले। हिज़्र की रात,रात,रात रही। हार कर जितने वाले बाज़ीगर। हमारी मात?मात,मात रही।। तुम्हारा प्यार,हमपे एहसान रहा। हमारा इश्क़ खैरात,खैरात रही।। आदमी होता रहा,हिन्दू मुसलमा। इश्क़ की जात,जात,जात रही। ©nirbhay chauhan #Nojoto #Love #Shayari #Nirbhay #poem #Poet #Writer #Vow #nojotoLove #vacation