चमन महके अमन महके,सुमन से ये पवन महके। अवदमन हो विहग चहकें,तिरंगा फहरे गगन में। बढ़ रहा तेजी से भारत,हो रही चर्चा भुवन में।। आज भारत को आजादी जो मिली है, पूछता हूं कुछ कहो तो क्यों मिली है। देश मेरा बहुत से अनमोल हीरे, खो दिए इस महायज्ञ में तो मिली है।। जो दिए आजादी हमको प्राण देकर, पुष्प अर्पित करता हूं उनकी शरण में। बढ़ रहा तेजी से भारत हो रही चर्चा भुवन में।। प्राण अपने रख हथेली पर लड़े थे, वीर थे तूफ़ान में भी वे खड़े थे। डर नहीं था मृत्यु का उनकी तनिक भी, हंस रहे थे कील हाथों में जड़े थे।। क्रोध से उनके फिरंगी डर गए थे, था बहुत ही रोस वीरों के वचन में। बढ़ रहा तेजी से भारत हो रही चर्चा भुवन में।। मैं मगर अब क्या यहां पर देखता हूं, दीन की आंखों में आंसू देखता हूं। है किसानों की दशा कैसी यहां पर, रोज फंदे से लटकते देखता हूं। देखते होंगे गगन से जो अगर वो, सोचते होगे यही क्या वीर मन में। बढ़ रहा तेजी से भारत हो रही चर्चा भुवन में।। आंख मूंदे क्यों यहां सब देखते हैं, स्वार्थ की रोती यहां क्यों सेंकते हैं। सच नहीं क्यों सुन रहे नेता यहां पर, झूठ पर क्यों झूठ सब ये बोलते हैं।। जो यहां शास्त्री भगत आजाद होते। कूद पड़ते फिर यहां वो आज रण में। बढ़ रहा तेजी से भारत हो रही चर्चा भुवन में।। महात्मा गाँधी ने सुभाषचंद्र बोस को देशभक्तों का देशभक्त कहा। आज़ादी के इस महानायक का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक शहर में हुआ। नेताजी' के नाम से प्रसिद्ध सुभाषचंद्र ने सशक्त क्रान्ति द्वारा भारत को स्वतंत्र कराने के उद्देश्य से 21 अक्टूबर, 1943 को 'आज़ाद हिन्द सरकार' की स्थापना की तथा 'आज़ाद हिन्द फ़ौज' का गठन किया इस संगठन के प्रतीक चिह्न पर एक झंडे पर दहाड़ते हुए बाघ का चित्र बना होता था। नेताजी अपनी आज़ाद हिंद फौज के साथ 4 जुलाई 1944 को बर्मा पहुँचे। यहीं पर उन्होंने अपना प्रसिद्ध नारा, "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा" दिया। 18 अगस्त 1945 को टोक्यो (जापान) जाते समय ताइवान के पास नेताजी का एक हवाई दुर्घटना में निधन हुआ बताया जाता है, लेकिन उनका शव नहीं मिल पाया। नेताजी की मौत के कारणों पर आज भी विवाद बना हुआ है। सुभाष जी की नेतृत्व क्षमता का आज हर कोई क़ायल है। इतनी विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने एक सेना का निर्माण करके दिखा दिया कि यदि आपका उद्देश्य महान है और उस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए आप में सर्वस्व न्योछावर करने का जज़्बा है तो कोई भी कार्य असंभव नहीं है। ऐसी महान विभूति को नमन है। #सुभाषचंद्रबोस #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine