अब तो मेरी रूह में, नशा है भर चुका ऐसा याद आते ही तेरी शक्ल, भूलता खुद को तेरी चरणों की धूलि से सजा माथा मेरा नशे में झुमता रहता हूँ, मै मगन अब तो हो के मदमस्त रात दिन, कहीं भी रहता हूँ प्यार हर हाल नशे हाल, बना फिरता हूँ तेरे हाथों से खिला, जो मिला है प्यार तेरा प्यार की छाँव में आशा लगाए रहता हूँ तू न है आज अगर, प्यार सच में देने को तेरा एहसास, तसल्ली है मुझे जीने को भूँख भी प्यास भी, मुझको न सताती है कभी बस तेरी याद में, मैं यूँ ही जिए जाता हूँ तेरी उंगली का सहारा, कभी मिला था जो उसी आशीष से, हर मंजिलें मैं पाता हूँ तेरे आशीष के बल पे, है बल मेरा मैय्या क्यूँकि रग रग में, तेरा रक्त बहा पाता हूँ मेरी ख्वाहिश कभी पूरी हो चाहे ना मैय्या तेरी यादों के नशे में मैं खुद को पाता हूँ, मेरी माँ आज भी जिंदा है मेरे रग-रग में सोते जगते हुए हर पल ये गुनगुनाता हूँ ©purvarth #नाश यादों का