देश का थोड़ा क़र्ज़ चुकाया जा सकता है हर सहरा में फूल उगाया जा सकता है। शादी के मंडप में जब बजते फिल्मी गीत राष्ट्र गान भी घर घर में गाया जा सकता है पाठ अहिंसा का पढ़ते आये हर दम, पर दुश्मन को भी सबक सिखाया जा सकता है। अब सब को जीने का हक़ देना होगा भार अभागों का उठाया जा सकता है। जात धरम की ख़ूब लड़ाई लड़ ली हमने जन सेवा कर नाम कमाया जा सकता है। नफ़रत ने कितने ही घर और सर फोड़े हैं फिर से नया इंसान बनाया जा सकता है ©Jagjeet Singh Jaggi... ख़्वाबगाह...! #स्वतन्त्रता_दिवस #independence_day_2023