दुख भुलाकर सुख की छाॅंव में। पंछी उड़ चले फिर अपने गाॅंव में। उड़ान थोड़ी लम्बी होकर रहेगी, मंज़िल मिलेगी थके-थके पाॅंव में। ©मनीष कुमार पाटीदार #chains