White छोड़ो ना कौन क्या समझता है तुम इतना समझ लो तुम लाखों में एक हो.. जमाने की नजरों में क्या उठना अपनी नजरों में उठ जाओ.. जमाना खुद झुकेगा तुम्हारे सम्मान में खुद को ऐसा बनाओ.. फिर तुम ही तो स्वयं का स्वविवेक हो.. तुम इतना समझ लो तुम लाखों में एक हो.. याद रखो हर चमकती चीज सोना नहीं होती.. सतर्क रहना कोरी वाह वाही सच्ची प्रसंशा नहीं होती.. फिर तुम ही तो सद्गुण अनेक हो.. तुम इतना समझ लो तुम लाखों में एक हो.. तुम वो सब कर सकते हो, पा सकते हो जो ठान लो जो चाहो वो भी बन सकते हो खुद को पहचान लो.. फिर तुम तो सर्व सामर्थ्य का भी अतिरेक हो.. तुम इतना समझ लो तुम लाखों में एक हो.. अब बढ़ चलो अपने लक्ष्य पर दृढ विश्वास के साथ. किंचित क्षोभ ना हो दुर्बलता का, पूरे उत्साह के साथ.. तुम ही तो स्वर्णिम भविष्य का विजयाभिषेक हो.. तुम इतना समझ लो तुम लाखों में एक हो.. ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #सुनो