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हम किस्मत के सताये हैं , गम सीने से लगाये हैं। जो

हम किस्मत के सताये हैं ,
गम सीने से लगाये हैं।
जो कल तक थे मिरे अपने,
अब बेगाने पराये हैं।
जो लखते जिगर थे मेरे, 
उसने ही जुल्म ढाये हैं।
उसको तो फल मिले अक्सर,
पौधे जिसने लगाये हैं। 
कांटों से क्यों गिला शिकवा,
गुल से जब जख्म खाये हैं।
क्यों उनकी याद फिर आई,
कल ही तो खत जलाये हैं।
रैना"कब के फना होते,
हिम्मत ने ही बचाये हैं। 
  ...रैना

©Rajinder Raina सीने से

#morningcoffee
हम किस्मत के सताये हैं ,
गम सीने से लगाये हैं।
जो कल तक थे मिरे अपने,
अब बेगाने पराये हैं।
जो लखते जिगर थे मेरे, 
उसने ही जुल्म ढाये हैं।
उसको तो फल मिले अक्सर,
पौधे जिसने लगाये हैं। 
कांटों से क्यों गिला शिकवा,
गुल से जब जख्म खाये हैं।
क्यों उनकी याद फिर आई,
कल ही तो खत जलाये हैं।
रैना"कब के फना होते,
हिम्मत ने ही बचाये हैं। 
  ...रैना

©Rajinder Raina सीने से

#morningcoffee