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#कथरी ठंड बहुत हैं माँ!!!भेज दें ना माँ! मुझे वही

#कथरी

ठंड बहुत हैं माँ!!!भेज दें ना माँ! मुझे वहीं कथरी; जो तूने सिया था मेरे बचपन में अपनी पुरानी साड़ियों से; हाँ! वहीं कथरी..जिसमें लगाया था तूने ममता का निःस्वार्थ आँचल और वात्सल्य के मज़बूत धागे..भेज दे ना माँ मुझे वहीं कथरी जिसमें हो तेरे तन की गर्माहट ओ ममता का आँचल जिसमें छुपाकर मुझे छाती से लगाकर मेरा भूख प्यास तृप्त करती थी,,जिसमें अपने आँसू छुपाकर मेरे आँसू पोछती थी,,उसी आँचल तले मुझे थपकी देकर सुलाती थी..ठंड बहुत है माँ!!! भेज दें ना माँ!!! मुझे वही कथरी,,पता नहीं कब से सुकून की नींद सोई नहीं मैं माँ!!!...क्योंकि पैसे से ख़रीदी बनावटी मखमली रजाई कंबल में मिलती नहीं ओ सुकूँ; ओ वात्सल्य की अनुभूति और ना ही तेरे सानिध्य की गर्माहट,, क्योंकि बनाने वाले ने लगाया ही नहीं वह  मटेरियल जिसमें हो तेरे ममता का निःस्वार्थ आँचल ,ना ही स्नेह के मज़बूत धागे ,ना ही तेरा सानिध्य और ना ही तेरे तन की गर्माहट,,जिसमें सुनाई पड़ते है तो केवल सिक्कों की खनखनाहट जो मुझे सुकूँ से सोने नहीं देते..पता नहीं कब से सोई नहीं मैं माँ; सुकूँ की नींद सोना चाहती हूँ माँ !!! भेज दें ना माँ!!! मुझे वहीं कथरी....!

©NishthaTiwari'Nishi'
#कथरी

ठंड बहुत हैं माँ!!!भेज दें ना माँ! मुझे वहीं कथरी; जो तूने सिया था मेरे बचपन में अपनी पुरानी साड़ियों से; हाँ! वहीं कथरी..जिसमें लगाया था तूने ममता का निःस्वार्थ आँचल और वात्सल्य के मज़बूत धागे..भेज दे ना माँ मुझे वहीं कथरी जिसमें हो तेरे तन की गर्माहट ओ ममता का आँचल जिसमें छुपाकर मुझे छाती से लगाकर मेरा भूख प्यास तृप्त करती थी,,जिसमें अपने आँसू छुपाकर मेरे आँसू पोछती थी,,उसी आँचल तले मुझे थपकी देकर सुलाती थी..ठंड बहुत है माँ!!! भेज दें ना माँ!!! मुझे वही कथरी,,पता नहीं कब से सुकून की नींद सोई नहीं मैं माँ!!!...क्योंकि पैसे से ख़रीदी बनावटी मखमली रजाई कंबल में मिलती नहीं ओ सुकूँ; ओ वात्सल्य की अनुभूति और ना ही तेरे सानिध्य की गर्माहट,, क्योंकि बनाने वाले ने लगाया ही नहीं वह  मटेरियल जिसमें हो तेरे ममता का निःस्वार्थ आँचल ,ना ही स्नेह के मज़बूत धागे ,ना ही तेरा सानिध्य और ना ही तेरे तन की गर्माहट,,जिसमें सुनाई पड़ते है तो केवल सिक्कों की खनखनाहट जो मुझे सुकूँ से सोने नहीं देते..पता नहीं कब से सोई नहीं मैं माँ; सुकूँ की नींद सोना चाहती हूँ माँ !!! भेज दें ना माँ!!! मुझे वहीं कथरी....!

©NishthaTiwari'Nishi'