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लगतीं हैं जब ठोकर तब दर्द होता है जीना भी पल पल मा

लगतीं हैं जब ठोकर तब दर्द होता है
जीना भी पल पल मानो कर्ज होता है

याद आती है तुम्हारी
हे भोले शम्भू त्रिपुरारी

दुखों पर मेरे तांडव कर दे
बचे जो पल खुशियों से भर दे

हे शम्भू! मेरी सुनो त्रिपुरारी!
संकट पर संकट चौ तः,
बना पड़ा हर संकट भारी

कबसे शरण खड़े तुम्हारी
देदो प्रभु दर्शन की बारी
अब सुन लो प्रभु अरज हमारी

©Sandeep Sati
  #Shiva #Shiv #prathna #sandeepsati  Traveling poet 🎠