पता नहीं क्यू, घर वाले इन लड़कों को शहंशाह बना कर रखते हैं, क्यू इतना सिर पर चढ़ा कर रखते हैं, चलो मान भी लेते हैं कि, इनके राजा बेटे ही इनका बुढ़ापा सम्भालेंगे, इसी स्वार्थ के जरिये,इन्हें वो सब कुछ ऐशोआराम देने में लगें रहते हैं,जो उन्हें खुद को कभी मिला ही नहीं, और ये खुद को नवाब साहिब समझने लगते हैं, अब तो इन्हें किसी भी बात में rejection तो चाहिए ही नहीं, ये जो भी कह दे, वो शत प्रतिशत सही ही होगा, और उसे सब अप्लाई भी करो, "ना" तो बिल्कुल भी नही सुन सकते, और हाँ, ये खुद "ना" कर देवे या किसी को "रिजेक्ट" कर देवे तो its okay.... ©अर्पिता #लड़के