इत्र सी महकती रहो, कोयल सी चहकती रहो। बादल सी ये जुल्फें तेरी, कि सावन की बरसती रहो। वो बगिया रहे रौशन हमेशा जहाँ तुम सदा मुस्कुराती रहो। ©Himanshu Raj #जहाँ_तुम_सदा_मुस्कुराती_रहो #WatchingSunset