तन्हा अब जिया नहीं जाता, याद हर पल सताती है हर वक्त करीब रहने को तेरे, बेताबी बढ़ती जाती है दिल की हर धड़कन, सांसों की गति बढ़ती जाती है जब बीते गुजरे हसीन लम्हों की याद आती है उड़ने को उड़ सकता है ये दीवाना पंछी पर तेरी कमी उन्मुक्त गगन को पिंजरे सा बताती है आजाद होकर भी बंदिश में रहना है मुझको महसूस कर मेरी धड़कन यही हर पल जताती है तू था, तू है और तू रहेगा यही उम्मीद सुकून दे जाती है हां मुझे हर पल तेरी याद सताती है 💌🕊️अनकहे अल्फ़ाज़💖💞 #ek_panchi_diwana_sa ©azad satyam तन्हा अब जिया नहीं जाता, याद हर पल सताती है हर वक्त करीब रहने को तेरे, बेताबी बढ़ती जाती है दिल की हर धड़कन, सांसों की गति बढ़ती जाती है जब बीते गुजरे हसीन लम्हों की याद आती है उड़ने को उड़ सकता है ये दीवाना पंछी पर तेरी कमी उन्मुक्त गगन को पिंजरे सा बताती है आजाद होकर भी बंदिश में रहना है मुझको महसूस कर मेरी धड़कन यही हर पल जताती है